Thursday, February 27, 2020

आजाद चंद्रशेखर तिवारी





अंग्रेजों को हिला सके वो एक दांव ही काफी था,

आज़ाद की मूछों का एक ताव ही काफी था !!

जिससे अंग्रेज भी हार गए,

वो अपनों के हाथों छला गया..

अंग्रेज़ों की सेना पर जो एक अकेले ही भारी थे,

भारत की रक्षा में खड़े वो जैसे चार दीवारी थे !!

आज़ाद जिसने आज़ादी को नयी परिभाषा दी,

जिसकी पिस्टल की गोली ने इंक़लाब को भाषा दी !!

आज़ादी का नारा जिसके रोम-रोम ने बोले थे,

वो दूजे कोई और नहीं "आजाद चंद्रशेखर तिवारी" थे !! 


✍ प्रत्यूष गौतम 

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