बेचारी अबला नहीं..
वो मुश्किलों से लड़ती,
जिंदगी से कभी हारी नहीं..
है वो हम सबकी रचनाकार,
परिपूर्णता की परिचायक !!
वो मानवता की भक्ति का,
सदा पर्याय रही शक्ति का !!
है वो क्षमाशील उर कोमल,
करती सदा शुभता का संवहन !!
बन पतित पावनी,
है वो जीवन जग कल्याणी !!
✍ प्रत्यूष गौतम
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